ये फोटो अमर शहीद सरदार ऊधम सिंह जी (जिहोने जालियाँवाला बाग के नरसंहार के जनरल डायर की गोली मारकर हत्या की ) के पौत्र सरदार जीत सिंह का है जो आज इस तरह अपना जीवन चलाने को मजबूर हैं।
क्या उस अमर शहीद की आत्मा स्वर्ग में रोती न होगी ?
क्या आने वाली नस्लों को ये दिन देखने पड़ें इसीलिए उन्होंने कुर्बानी दी थी ?
क्या ये तस्वीर हम सब को शर्मसार नहीं कर रही ?
राहुल बाबा को तो 100 करोड़ भी मात्र लगता है।
इस फोटो को इतना शेयर करो की 10 जनपथ तक पहुंचे, क्यूंकी सरकार शहीदों का सम्मान करना भूल गयी है। इन्हे सिर्फ स्विस अकाउंट भरना आता है।
विचार आमंत्रित हैं ....!!
॥ जय हिन्द ॥ वंदे मातरम ॥
एक माँ अपने बेटे को लहू का टीका करती है,
तुम्हारी हो दीर्घायु, ये दुआ हमेशा करती है,
बेटे के इंतज़ार में निगाहें टक टक करती है,
पर एक बिना सर की लाश आँगन में उतरती है,
क्या बीती होगी माँ के दिल पर, ये सोच-सोच मैं रोया हूँ,
जो सीमाओं पर बिछुड़ गए उनकी यादों में खोया हूँ।
जय हिन्द॥ वंदे मातरम